Monday, November 23, 2015

फासले

फासले  यूं ही नहीं बन जाते ,
तुमने चुप रहने का कुछ सबब भी सोचा होगा। 
दिल से रिसती ये खून की बूँदें ,

तुमने ताज़ा लगा कोई ज़ख़्म खरोंचा होगा। 

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