skip to main
|
skip to sidebar
Monday, November 23, 2015
होने का रस
मेरे होने में जो रस है
वही बस है, वही बस है।
मैं कुछ भी ढूंढता फिरता नहीं
यहाँ जो है, वही बस है।
यहाँ जो कुछ भी होता है ,
वही बस मेरी चाहत है।
मैं हूँ , ये काफी है
करामत है, इनायत है।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Uneven Pebbles
Free Counter
Calendar
Web Development
Also published at
Bhadas
Followers
Blog Archive
►
2016
(1)
►
January
(1)
▼
2015
(10)
▼
November
(6)
प्यार करना कोई गुनाह नहीं
फासले
दुआ मांगता हूँ मैं
मेरा प्यार
It's about you
होने का रस
►
January
(4)
►
2014
(4)
►
December
(1)
►
November
(3)
►
2011
(1)
►
January
(1)
►
2010
(7)
►
March
(1)
►
February
(1)
►
January
(5)
About Me
Pankaj Dixit
Life is getting better each day and sharing it with others seems like a good idea.
View my complete profile
No comments:
Post a Comment