Monday, November 23, 2015

प्यार करना कोई गुनाह नहीं

किसी को प्यार करना कोई गुनाह नहीं ,
ये बेमानी है कि उसका नतीजा क्या हुआ।
तुम्हारे साथ ये सफर खुशनुमा बीता ,
ये छोडो कि रास्ते में हादसा क्या हुआ।
किसी के दिल को यहीं से थी एक पगडंडी ,
अब हूँ हैरान देख के वो रास्ता क्या हुआ।
किसी की जान भी जाए मेरा मज़हब हो बुलंद ,
कोई बताये भला ये भी फ़लसफ़ा क्या हुआ ?

फासले

फासले  यूं ही नहीं बन जाते ,
तुमने चुप रहने का कुछ सबब भी सोचा होगा। 
दिल से रिसती ये खून की बूँदें ,

तुमने ताज़ा लगा कोई ज़ख़्म खरोंचा होगा। 

दुआ मांगता हूँ मैं

तू मुझमें ही छुपा है, ये सच जानता हूँ मैं।
 फिर भी तेरी गलियों की खाक छानता हूँ मैं ।

मैं खुद ही रहमख्वार हूँ , मैं क्या रहम करूं, 
पर तेरा दर्द मेरा है, पहचानता हूँ मैं। 

यूं मांगने से तो जहाँ मिल जाएगा शायद, 
बस तेरी खैरियत की दुआ मांगता हूँ मैं। 

इस बार शायद फिर मुझे ठोकर लगे, लग जाये, 
उठता हूँ तो मंज़िल की तरफ भागता हूँ मैं।

ढूंढा जिसे मंदिर में, याँ मिल जायेगा शायद, 

ये सोचकर आँखों में तेरी झांकता हूँ मैं।

मेरा प्यार

उदासी यूँ ही कहीं 
पड़ी मिल जाती है 
अकेलेपन के इस जंगल में। 

मैंने इसलिए ही 
अपना प्यार बाँध छोड़ा  है 
हर ज़र्रे से 

याद रखना। 

It's about you

When the flames of love dwindle a bit
I know a reminder is due
That it is not about me
It is about you,

It is about you.

होने का रस

मेरे होने में जो रस  है 
वही बस है, वही  बस है। 
मैं कुछ भी ढूंढता फिरता नहीं 
यहाँ जो है, वही बस है। 

यहाँ जो कुछ भी होता है ,
वही बस मेरी चाहत है। 
मैं हूँ , ये काफी है 

करामत है, इनायत है।